सिक्ख बना लें कनाडा में अपने लिए अलग देश

कनाडा के सिक्खों को यदि अलग देश बनाने की इतनी ही उत्कंठा है, तो उन्हें स्वयं कनाडा में अपने लिए एक स्वतंत्र देश बना लेना चाहिए। वहाँ के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडियो उनके यार दोस्तों में से हैं, वे ज़रूर इसमें उनकी सहायत करेंगे। कनाडा में पाकिस्तानी भी बहुत हैं, और ये हमेशा ही सिक्खस्थान के उत्साही समर्थक रहे हैं। वे तथा स्वयं पाकिस्तान और उसकी खुफ़िया एजेंसी आईएसआई उन्हें सहारा देंगे। क्यूबेक के अलगावदायों से भी उन्हें बल मिल सकता है, क्योंकि वे भी अर्से से अपने लिए कनाडा में एक स्वतंत्र फ़्रेच-भाषी देश बनाना चाहते रहे हैं। वहाँ के स्थानीय निवासी भी, जैसे इनुएट, जो इतने दिनों से ईसाई बनाए जाने से तंग आकर अपना अलग देश पसंद करेंगे, जहाँ वे अपने पुराने तौर-तरीकों के अनुसार जीवन बिता सकें। इन सबको मिलकर कनाडा में अनेक स्वतंत्र देश बन सकते हैं क्योंकि कनाडा अभी बिलकुल खाली पड़ा है और वहाँ मनुष्यों की विकट कमी है। ये नए देश बन जाने के बाद, क्यूबेक में फ़्रेच-भाषी अफ़्रीकी देशों और स्वयं फ़्रांस और यूरोप के बहुत से लोग रहने चले आएँगे, और कनाडाई सिक्खस्थान में भी भारत के पंजाब, पाकिस्तान, यूके, अमरीका आदि से सिक्ख लोग दौड़े चले आएँगे। इससे सिक्खस्थान भी बस जाएगा, और भारत को भी इन खुराफ़ाती लोगों से छुटकारा मिल जाएगी।

यह कैसी विडंबना है कि जिस सिक्ख धर्म को सिक्ख गुरुओं ने हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति और पवित्र भारतवर्ष को मुसलमानी अत्याचारों से बचाने के लिए एक क्षत्रिय दल के रूप में गठित किया था, उसी के अनुयायी अब स्वयं पाकिस्तानी मुसलमानों और ईसाइयों से साँठ-गाँठ करके सव्यं हिंदुओं, और भारतवर्ष पर हमला बोल रहे हैं।

इनकी करतूतों को देखकर सिक्ख गुरु सोच रहे होंगे कि हमारी सारी कोशिशें बेकार गईं, आजकल के सिक्ख पूरा पथ-भ्रष्ट हो गए हैं। अब समय आ गया है कि इस पंथ को ही बृहत हिंदू महागंगा में विसर्जित कर दिया जाए, क्यों अब तो सिक्ख ही हिंदू धर्म के शत्रु बन गए हैं।

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